गांधी जयंती 2 अक्टूबर: हमारे देश के राष्ट्रपिता महात्मा गांधी का जन्म 2 अक्टूबर, 1869 ई. को गुजरात के पोरबंदर नाम स्थान में हुआ था। गांधी जी को प्यार से बापू भी कहा जाता है। गांधी जी का मूल नाम मोहनदास करमचंद गांधी है। उनके पिता जी का नाम करमचंद गांधी जबकि माता जी का नाम पुतलीबाई था।
गांधी जी के पिता एक दीवान थें। चुकी औपनिवेशिक शासन में काठियावाड़ एक रियासत हुआ करता था। उसी काठियावाड़ रियासत के राजदरबार में उनके पिता करमचंद गांधी दीवानी का काम करते थे। गांधी जी अपने चार भाई-बहनों में सबसे छोटे थे। सबसे बड़ी बहन थी जीनका नाम रलियम था, बड़े भाई का नाम लक्ष्मी गांधी जबकि दुसरे कि नाम कृष्ण गांधी था।
गांधी जी की प्राथमिक पढ़ाई पोरबंदर में ही हुआ। मैट्रिक के लिए वह राजकोट चले गये चुकी उनके पिता की तबादला राजकोट के दरबार में हो गया था। काॅलेज की पढ़ाई भावनगर से हुई। 13 वर्ष की उम्र में ( 1883 ई. ) गांधी जी की शादी हो जाती है। गांधी जी के धर्म पत्नी का नाम कस्तुरबा गांधी था।
उनके शादी के दो वर्ष बाद 1885 ई. में उनके पिता करमचंद गांधी की मृत्यु हो गयी थी। गांधी जी वकालत की पढ़ाई के लिए 1888 ई. में इंग्लैंड जाते गये थे। वकालत की पढ़ाई पूरी कर वापस लौटने के बाद उन्हें भारतीय व्यापारी जो दक्षिण अफ्रीका में व्यापार कर रहे थे उन्हें वहां नस्लवाद और रंगभेद का सामना करना पड़ रहा था।
अतः गांधी जी को एक कानुनी सलाहकार नियुक्त कर किसी मामले में पैरवी के लिए 13 अप्रैल,1893 को भारत से दक्षिण अफ्रीका के लिए बंबई से जल जहाज़ से 24 मई, 1893 को दक्षिण अफ्रीका के डरबन पहुंचते है।
गांधी जी अपने जीवन का 21 वर्ष दक्षिण अफ्रीका में बिताया। उन्होंने वहां कई सत्याग्रह किया जो भारतीय प्रवासी के न्याय और अधिकार के लिए किया गया था।
गांधी जी 9 जनवरी, 1915 ई. को अपना स्वदेश वापस लौटे थे। इसलिए 9 जनवरी को हमारे देश में ” भारतीय प्रवासी दिवस” के रूप में मनाया जाता है। इसके बाद गांधी जी के द्वारा भारत को औपनिवेशिक शासन से मुक्ति दिलाने के लिए अन्य कार्य भी किया गया जो निम्न प्रकार हैं:-
- 1915 ई. में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस से जुड़े।
- 1916 ई. में साबरमती आश्रम की स्थापना।
- 1917 ई में चंपारण सत्याग्रह।
- 1918 ई. में अहमदाबाद मिल मजदूरों के साथ आंदोलन।
- 1919 ई. में ख़िलाफत आंदोलन।
- 1920 ई. में असहयोग आंदोलन।
- 1922 ई. में चौरी-चौरा कांड के कारण असहयोग आंदोलन की वापसी।
- 1924 ई.-1925 ई. में कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष का कमान संभालें।
- 1942 ई. में भारत छोड़ो आंदोलन। अंततः 15 अगस्त,1947 को हमारा देश आजाद हुआ। 30 जनवरी,1948 को नई दिल्ली के बिडला भवन में शाम 5 बजे के 17 मिनट पर नाथूराम गोडसे के द्वारा तीन गोलियां मारी जाती है जिसके कारण गांधी जी की मृत्यु हो गई।
